श्रीनिवास रामानुजन जी के जीवन के बारे में जानें –
रामानुजन जी ने जीवनभर में गणित के 84 प्रमेयों का संकलन किया। इनमें से अधिकांश प्रमेय सही सिद्ध किये जा चुके हैं।भारत के महान गणितज्ञ श्रीनिवास रामानुजन इयंगर, जिन्हें आधुनिक काल के महानतम गणित विचारकों में गिना जाता है।ये अपना पूरा ध्यान केवल गणित पर ही देते थे। महज 12 साल की उम्र में उन्होंने त्रिकोणमिति में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया था और कई थ्योरम का विकास भी किया था। इन्हीं के जन्म दिन को राष्ट्रीय गणित दिवस के रूप में मनाया जाता है।
गणित दिवस क्यों बनाते हैं –
2012 में, भारत सरकार ने घोषणा की कि 22 दिसंबर को हर साल राष्ट्रीय गणित दिवस के रूप में मनाया जाएगा। 6 दिसंबर 1917 को, रामानुजन को लंदन गणितीय सोसायटी के लिए चुना गया था। और रामानुजन को गणित का भगवान भी कहा जाता है।

रामानुजन का जन्म और परिवार –
श्रीनिवास रामानुजम का जन्म 22 दिसंबर 1887 को तमिलनाडु के कोयंबतूर जिले के इरोड नामक गांव में एक ब्राह्मण परिवार में हुआ था . इनके पिता नाम श्रीनिवास इयंगर था . जो कि स्थानीय कपडे की दुकान में मुनीम थे . इनकी माता जी का नाम कोमल तम्मल था . जो एक गृहिणी महिला थी . जब रामानुजन एक वर्ष के हुए थे तभी उनका परिवार कुम्भकोणम में आकर बस गया . 22 वर्ष की उम्र में रामानुजन का विवाह उनसे 10 साल छोटी जानकी से हुआ .।
रामानुजन की शिक्षा-
बालक रामानुजन की बुद्धि इतनी कुशाग्र नहीं थी . किन्तु बचपन में उन्हें कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ा . तीन वर्ष की आयु तक वह बोलना भी नहीं सीख पाए थे . इस कारण उनके माता – पिता चिंतित रहते थे . पांच वर्ष की उम्र में बालक रामानुजन का दाखिला कुंभकोणम के प्राथमिक विद्यालय में करा दिया गया .।
श्रीनिवास रामानुजन इयंगर के कुछ तथ्य –
श्रीनिवास रामानुजन इयंगर एक महान भारतीय गणितज्ञ थे . वे विश्व के महानतम गणित विचारकों में से एक हैं . रामानुजन एक ऐसी प्रतिभा थे जिन पर न केवल भारत को अपितु पूरे विश्व को गर्व था . मात्र 33 वर्ष की आयु में इन्होने अपने अद्भुत और विलक्षण ज्ञान से गणित के क्षेत्र में कई महत्वपूर्ण योगदान दिए . जिसके कारण उन्हें पूरे विश्व में एक महान गणितज्ञ के रूप में पहचान दिलाई .