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Gandhi Jayanti & Shastri Jayanti 2021: 2 October को क्यों मनाई जाती है जानिए इतिहास ?

“निर्बल के बल राम” और “जय जवान जय किसान”

यह ऐसे नारे थे जो भारत के दो महान शख्सियतों मोहनदास करमचंद गांधी और लाल बहादुर शास्त्री द्वारा दिए गए थे और उन्होंने भारत के इतिहास को अपने-अपने समय में नया मोड़ दिया गांधी जी का जन्म 1879 और शास्त्री जी का जन्म 1904 में हुआ वर्ष पहले ही अलग थी लेकिन आज के ही दिन यानी 2 अक्टूबर को जन्म लेने वाले दोनों देश निर्माताओं के विराट व्यक्तित्व ने अपने नेतृत्व से भारत की तस्वीर बदल दी बचपन से ही शांत किस्म के गांधी जी ने कई कठिनाइयों को पार करके अपनी शिक्षा पूरी की और फिर वकालत करके देश की सेवा में जुट गए अहिंसा के पुजारी गांधी जी ने हमेशा सत्य का साथ दिया और अपने सिद्धांतों पर हमेशा अडिग रहे गांधी जी अपने जीवन में अपनी माता और गुरु गोपाल कृष्ण गोखले से बहुत ही अधिक प्रभावित थे वही देश के दूसरे प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री ने भी अपने बचपन काल से ही बहुत अधिक संघर्ष की। परिणाम स्वरूप उनका उच्च उसूलों भरा व्यक्तित्व निखर कर सामने आया आज भी शास्त्री जी साध्वी शालीनता और बेहतरीन नेतृत्व कला के प्रतीक है उन्होंने समाज में फैले जातिवाद से लेकर दहेज जैसी कुरीतियों को दूर करने में अपना पूरा सहयोग दिया एवं महिला सशक्तिकरण से लेकर भारतीय फौज के दृढ़ निश्चय को और प्रबल किया महात्मा गांधी जी ने जहां आजादी से पूर्व देश में चंपारण सत्याग्रह, असहयोग आंदोलन,नमक सत्याग्रह और भारत छोड़ो जैसे आंदोलन से भारत को एकजुट किया वहीं आजादी के बाद लाल बहादुर शास्त्री जी ने भी प्रधानमंत्री पद संभाल कर देश को एकता के सूत्र में पिरोया हर आम इंसान के दिल में बसने वाले गांधी जी को लोगों ने बापू कहा और राष्ट्रपिता की उपाधि दी और लाल बहादुर शास्त्री जी को मरणोपरांत भारत रत्न से सम्मानित किया गया आज समस्त परिवार सादा जीवन उच्च विचार वाले दोनों महान देश प्रेमियों राष्ट्रपिता महात्मा गांधी और भारत रत्न लाल बहादुर शास्त्री जी को उनके जन्मदिवस पर शत शत नमन करता है।

       भारत माता की जय वंदे मातरम

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